भोपाल. राज्यपाल लाल जी टंडन ने मंगलवार को प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक करने की घोषणा के बाद की गई। इसमें राज्यपाल टंडन ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि वे अगले दो दिन में लॉकडाउन के बाद कब तक परीक्षाएं आयोजित करा सकते हैं और इसके नतीजे कब तक घोषित कर देंगे। इसका पूरा कार्यक्रम राजभवन भेजें। इसके साथ ही उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में भी विश्विद्यालयों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे विश्वविद्यालय
राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नियमित पढाई व्यवस्था की जानकारी ली। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में विश्वविद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की इटंरएक्टिव ऑन लाइन क्लासेज, ऑडियो-वीडियो लेक्चर और स्टडी मेटेरियल की सप्लाई की जा रही है। लॉकडाउन समाप्त होने पर विश्वविद्यालयों ने मई के प्रथम सप्ताह से जून के मध्य परीक्षाएं संचालित करने की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा परिणाम जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में घोषित करने का लक्ष्य रखा जा रहा है।
विपरीत परिस्थितियों ने विश्वविद्यालयों ने बेहतर काम किया : टंडन
राज्यपाल ने विपरीत परिस्थितियों में शैक्षणिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए विश्वविद्यालयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संकट के दौर में प्रदेश के बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दे कर दुनिया के सामने मिसाल पेश की है। उन्होने कहा कि जिस समर्पण और सक्रियता से विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की सूचनाओं को जनमानस में प्रसारित किया गया है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है। उन्होने कहा कि इनके हितों का संरक्षण हम सबकी मूल जिम्मेदारी है। इस तथ्य को सदैव ध्यान में रखें। उन्होने कहा कि छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण के लिए प्रयास करें। बौद्धिक विकास के कार्यों पर फोकस करें। उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षण कार्य के साथ ही शोध और अनुसंधान के लिए आवश्यक तथ्यों की ऑनलाइन उपलब्धता के प्रबंध भी किए जाएं।
महान ऋषियों के दर्शन उपलब्ध कराएं
राज्यपाल ने संस्कृत विश्वविद्यालय को देश के महान सुश्रुत, चरक, आर्यभट्ट, नागार्जुन, सांदीपनि आदि शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, दर्शन, और गणित के क्षेत्र में अनेक महापुरूषों का कार्य और जीवन परिचय युवाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास करने के लिए कहा। उनके संबंध में संस्कृत और हिन्दी में ग्रंथ तैयार कराएं। टंडन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा कर उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी ली।